हिन्दी के बिना हिंद की कल्पना अधूरी है - प्रो पराशर
By Ayush mishra
सासाराम - वेबिनार को संबोधित करते आतिश पराशर
भारत
विभिन्नताओ का देश है जहां कई भाषाएं बोली जाती हैं और सबका अपना महत्व है उसमें
हिन्दी एक ऐसी भाषा है जिसके बिना हिंदुस्तान की कल्पना करना खुद से बेईमानी करना
है। हिन्दी हमारी राष्ट्रीयता का प्रतीक हैं जो मातृ समान है जहा हम स्वयं को
सुरक्षित महसूस करते हैं। उक्त बातें केन्द्रीय विश्वविद्यालय साउथ बिहार के छात्र
कल्याण प्रमुख सह मीडिया संस्थान के विभागाध्यक्ष प्रो आतिश पराशर जी ने हिंदी
पखवाड़े के अवसर पर गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय और भाषा मंच, शिक्षा संस्कृति
उत्थान न्यास के संयुक्त तत्वधान में आयोजित एक राष्ट्रीय संगोष्ठी में कहा।
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वन्दना से प्रारंभ की गई। इस संगोष्ठी की अध्यक्षता
करते हुए गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम एल वर्मा ने कहा
कि भाषाएं किसी देश एवम संस्कृति की अपनी पहचान होती है उन्होंने पंडित अटल बिहारी
बाजपेई जी को याद करते हुए कहा कि वे जहा भी जाते थे हिन्दी में बात करना पसंद करते
थे। उन्होंने यह भी कहा कि भाषा मंच, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास बिहार प्रान्त
के सदस्यों द्वारा किया गया यह भाषा संवर्धन का कार्य काफी सराहनीय है इससे राष्ट्र
प्रेम जागृत होगा। कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुए भाषा मंच शिक्षा संस्कृति
उत्थान न्यास के प्रान्त संयोजक प्रो अरुण कुमार सिंह ने भाषा मंच और शिक्षा
संस्कृति न्यास द्वारा किए गए भाषा संवर्धन के प्रयासों और मंच के उद्देश्यों के
बारे में कहा कि मंच का उद्देश्य शिक्षा प्रणाली द्वारा राष्ट्रीयता को विकसित करना
हैं भाषा से राष्ट्र प्रेम बढ़ता है। नई शिक्षा नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने
कहा कि इस नीति से देश की शिक्षा व्यवस्था में परिवर्तन आएगा जो रोजगार उन्मुखी हैं
इससे रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। न्यास का उद्देश्य भारतीय संस्कृति के साथ
शिक्षा का विकास करना है। वही कार्यक्रम संयोजक डॉ अमित कुमार मिश्र ने कहा कि जहां
तक हिंदी का सवाल है तो हिंदी भारतीय संस्कृति संवर्धन में अपनी भूमिका प्रारंभ से
लेकर आज तक निभा रही है और आगे भी अपने दायित्व का निर्वाह करेगा। कार्यक्रम का
समापन पत्रकारिता विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर अमित कुमार सिंह ने कल्याण मंत्र का
उच्चारण कर एवम सभी का आभार प्रकट करते हुए किया। इस अवसर पत्रकारिता विभाग के
असिस्टेंट प्रोफेसर चंचल सिंह ने तकनीकी सहायता प्रदान किया। कार्यक्रम में भाषा
मंच के प्रचार प्रसार कर्ता मनीष कुमार कंठ सहित प्रदेश के सभी जिलों से कई
श्रोताओं ने हिस्सा लिया ।
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