बिहार में पटना मेट्रो का निर्माण शुरू, इन 26 जगहों पर बनेगा मेट्रो स्टेशन, जानें कब तक पूरा होगा काम।
बिहार में पटना मेट्रो का निर्माण शुरू, इन 26 जगहों पर बनेगा मेट्रो स्टेशन, जानें कब तक पूरा होगा काम।
इस रूट की कुल लंबाई 17.933 किमी है. इसमें 7.393 किमी ऊपर और 10.54 किमी अंडरग्राउंड मेट्रो रूट है. इस रूट में कुल 14 स्टेशन हैं. इसमें छह अंडरग्राउंड और आठ स्टेशन ऊपरगामी वाले हैं. अंडरग्राउंड स्टेशनों में रूकनपुरा, राजाबाजार, पटना जू, विकास भवन, विद्युत भवन और पटना रेलवे स्टेशन हैं, जबकि दानापुर, सगुनामोड़, आरपीएस मोड़, पाटलिपुत्र, मीठापुर, रामकृष्णा नगर, जगनपुर और खेमनी चक ऊपर वाले स्टेशन हैं.
कितना काम हुआ पूरा
मिट्टी जांच की प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है. भू-तकनीकी व सर्वेक्षण का काम पूरा कर लिया गया है. रास्ते में पड़ने वाले पेड़ों को काटने व उसे हटाने के लिए पर्यावरण विभाग से अनुमति मिल गयी है. इआइए और एसआइए कार्य पूरा हो चुका है. एइसीओएम लिमिटेड एवं सेस्ट्रा द्वारा मेट्रो के डिटेल डिजाइन व कंसल्टेंसी का काम काम किया जा रहा है. प्राथमिक कॉरिडोर व डिपो के कार्य को तीन वर्षों में पूरा किया जायेगा. प्राथमिक कॉरिडोर के तहत एलाइनमेंट व स्टेशन के लिए काम एनसीसी को दिया जा चुका है. प्राथमिक कॉरिडोर मलाही पकड़ी से आइएसबीटी तक 552.90 करोड़ में काम किया जाना है. इस रूट के एलाइनमेंट के लिए भू-अधिग्रहण का काम किया जा रहा है. पाटलिपुत्र बस टर्मिनल डिपो के कार्य के लिए निविदा फाइनल की जा रही है. इसकी अनुमानित लागत 172.17 करोड़ है. कॉरिडोर वन के ऊपरगामी स्टेशनों की निविदा जारी है. इसकी अनुमानित लागत 527.62 करोड़ है. कॉरिडोर वन के भूमिगत स्टेशनों की निविदा अभी जारी की जानी है. कॉरिडोर टू के भूमिगत स्टेशनों की निविदा जारी की जा चुकी है. इसकी अनुमानित लागत 1958.81 करोड़ है. सभी रूटों पर सरकारी भूमि के हस्तांतरण का काम किया जा रहा है. विद्युत कार्यों के लिए भी निविदा जारी की जा चुकी है.
इस महीने के अंत तक पूरे हो जायेंगे मेट्रो के प्रायोरिटी रूट के जरूरी कार्य
पटना मेट्रो के कार्यारंभ होने के साथ सभी कार्यों को पूरा करने की समय सीमा निर्धारित कर दी गयी है. मेट्रो के प्रायोरिटी रूट मलाही पकड़ी से आइएसबीटी के कार्य को तीन वर्षों में ही पूरा किया जाना है. मंगलवार को नगर विकास व आवाास विभाग की ओर से बताया गया कि इस रूट के एलाइमेंट यूटिलिटी कार्य 30 सितंबर तक पूरे कर लिये जायेंगे. यूटिलिटी वर्क का मतलब है कि इस रूट पर निर्माण शुरू होने से पहले विभिन्न अवरोध, अंडरग्राउंड पाइलिंग में आने वाली बाधा, रूट के सामाजिक एवं पर्यावरण की दृष्टि से पड़ने वाले प्रभाव आदि की गणना कर ली जायेगी. गौरतलब है कि मेट्रो की पूरी लागत 13590.24 करोड़ रुपये है. इसमें 20 फीसदी राशि राज्य व 20 फीसदी राशि केंद्र सरकार की ओर दी जानी है, जबकि शेष 60 फीसदी की राशि जापान इंटरनेशनल कॉरपोरेशन एजेंसी (जायका) से कर्ज के रूप में लिया जाना है, जिसकी प्रक्रिया चल रही है.
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