कोरोना महामारी है या फिर व्यापार जानिए दीपक राज सुमन से
कोरोना त्रासदी है या फिर व्यापार जानिए दीपक राज सुमन से
Deepak raj suman
गोपाल नारायण सिंह विश्व विद्यालय के पत्रकारिता विभाग के छात्र बताते हैं किपहली लहर, दूसरी लहर, तीसरी लहर, पहला डोज, दूसरा डोज, बूस्टर डोज, बच्चों, बूढ़ों, महिलाओं को आजीवन वैक्सीन लगवाने की नीति आज नहीं वर्षों पहले बना ली गई थी। आज बस उसे इंप्लीमेंट किया जा रहा है। बस इतना समझ लीजिए पूरी दुनिया में जितनी भी वैक्सीन है उसमे सबसे अधिक पैसा एक ही व्यक्ति/ उसके फाउंडेशन का लगा हुआ है। वो मेडिकल सेक्टर में दुनिया का बेताज बादशाह है। लेकिन उसको लोग दूसरे व्यापार के तौर पर जानते हैं। उसका फाउंडेशन WHO को हर साल इतना डोनेशन देता है कि जितना बाकी देश मिलाकर भी WHO को नहीं देता। बस इतना समझिए वो व्यक्ति WHO से चाहे तो कुछ भी बुलवा कर पूरी दुनिया में अपना वैक्सीन लगवा सकता है। जब मर्जी चाहे कोरोना का लहर दिखा सकता, खत्म कर सकता है। हर छह महीने में डोज लगवाने को अनिवार्यता करवा सकता है और उससे अरबों, खरबों रुपया कमा सकता है। वो व्यक्ति अक्सर कोरोना वायरस को लेकर दुनिया को डराते भी रहता है। दुनिया में कोई भी ऐसी वैक्सीन नहीं है जिसमें उसके शेयर्स नहीं है। बाकी आप बूस्टर डोज लगवाते रहिए। डॉक्टर, कर्मचारी, अधिकारी तो सरकार के गुलाम होते है और सरकार कॉरपोरेट के गुलाम होते हैं। कॉरपोरेट चाहे जो मर्जी उससे करवा सकता है। सरकार को चाहिए पार्टी के लिए पैसा और पैसा यही कॉरपोरेट लोग चुनावी फंडिंग को तौर पर देकर ऐसे ऐसे काम करवाते हैं। बाकी आपके लिए ये बूस्टर डोज की बात नई है। मैंने ये बात जनवरी 2021 में ही लिख दिया था और ये भी कह रहा हु ये डोज आजीवन लगवाने की नीति बन रही है चिंता ना करिए उसके पैसे भी आपको ही देने होंगे।
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें