क्या फिर से लगने वाला है बिहार मे लॉकडाउन ? जानें क्या बता रहे हैं कोरोना के हालात
क्या फिर लॉकडाउन की ओर बढ़ा बिहार?, जानें क्या
बता रहे कोरोना के हालात
बिहार में कोरोना की दूसरी लहर
में कोविड-19 केस में लगातार हो रही बढ़ोतरी
के चलते नीतीश सरकार ने कई फैसले लिए हैं। देश के दूसरे हिस्सों में कोरोना
संक्रमण और प्रदेश में कोरोना विस्फोट के चलते क्या एक बार फिर से बिहार में
लॉकडाउन की स्थिति बन रही है। आइए जानते हैं क्या हैं हालात।
दरअसल बिहार में कोरोना वेव में
शनिवार को 836 नये केस मिले। इसके साथ ही कुल
संक्रमितों की संख्या बढ़कर 2942 हो गई। इसमें पटना में सबसे अधिक
359 संक्रमित
मिले। उधर एक बार फिर से अस्पतालों के
बेड कोरोना संक्रमित पेशेंट से भरने लगे हैं। पीएमसीएच-एनएमसीएच छोड़ राजधानी के सभी बड़े अस्पतालों के कोविड वार्ड भर गए हैं। विशेषज्ञों के
मुताबिक अगले कुछ दिनों में कोरोना के केस में और तेजी आ सकती है। उधर
स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के सभी सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों को कोरोना
संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सतर्क रहने और पूरी तैयारी रखने का
निर्देश दिया है। अभी सभी मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में कोविड वार्ड में 100- 100 बेड की व्यवस्था की गई है।
उधर शनिवार की देर शाम मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की
अगुवाई में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक में कई फैसले लिए गए। मुख्यमंत्री ने
शनिवार की शाम को एक अणे मार्ग में समीक्षा बैठक बुलाई थी। बैठक में सीएम के
निर्देश के बाद आपदा प्रबंधन समूह की बैठक हुई। आपदा प्रबंधन समूह की बैठक के बाद
मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह और डीजीपी एसके सिंघल ने कोरोना संक्रमण के फैलाव को
रोकने के लिए शनिवार को संयुक्त आदेश जारी किया।
बिहार में कोरोना को लेकर हालात
की गंभीरता को देखते हुए सार्वजनिक आयोजनों पर कुछ दिनों के लिए रोक लगाने के आदेश
जारी किए गए। इसके अलावा सभी शैक्षणिक संस्थानों को 12 अप्रैल
तक बंद कर दिया गया है। कोरोना संक्रमण के मामले को देखते हुए 12 के
बाद का निर्णय आगे लिया जाएगा। हालांकि पूर्वनिर्धारित परीक्षाएं स्कूल या
कॉलेज प्रबंधन आवश्यकता अनुसार कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कर सकेंगे।
सार्वजनिक स्थानों पर सरकारी या निजी किसी भी तरह के आयोजन पर रोक
राज्य में
सार्वजनिक स्थानों पर सरकारी या निजी किसी भी तरह के आयोजन पर रोक लगा दी गई है।
अप्रैल के अंत तक प्रभावी होगा। हालांकि शादी और श्राद्ध के कार्यक्रम पर रोक नहीं
होगी। पर इसमें लोगों की उपस्थिति सीमित कर दी गई है। श्राद्ध में 50 तो शादी समारोह में अधिकतम 250 लोग शामिल हो सकते हैं। कोरोना संक्रमण के फैलाव
को रोकने के लिए शनिवार को आपदा प्रबंधन समूह की बैठक के बाद मुख्य सचिव अरुण
कुमार सिंह और डीजीपी एसके सिंघल ने इस बाबत संयुक्त आदेश जारी किया।
कार्यालय प्रधान तय करेंगे दफ्तर का समय
सरकारी कार्यालयों में आम लोगों के प्रवेश
पर भी रोक लगा दी गई है। कार्यालय प्रधान अपने विवेक के अनुसार दफ्तर का समय और
अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति निर्धारित कर सकते हैं। यह व्यवस्था 30 अप्रैल तक लागू
रहेगी।
15 अप्रैल तक आधे यात्रियों के साथ ही सफर
5 से 15 अप्रैल तक बस और सार्वजनिक परिवहन वाली अन्य गाड़ियों में किसी
भी सूरत में क्षमता से आधे से ज्यादा यात्री सफर नहीं कर सकते। जिला प्रशासन और
परिवहन विभाग को इसे सुनिश्चित करने का टॉस्क सौंपा गया है। साथ ही सार्वजनिक
स्थानों पर सामाजिक दूरी और मास्क का उपयोग सुनिश्चित कराने की जिम्मेदारी जिला
प्रशासन को दी गई है।
मॉल, होटल, रेस्टोरेंट को कड़ाई से करना होगा नियमों का पालन
शॉपिंग मॉल, होटल, रेस्टोरेंट, धार्मिक स्थल आदि जगहों पर कोरोना संक्रमण
की रोकथाम के लिए केन्द्र सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का कड़ाई से पालन
सुनिश्चित किया जाएगा। यह टॉस्क डीएम-एसपी को सौंपा गया है। वहीं फूड कोर्ट, जलपान गृह, सब्जी मंडी, बस स्टैंड और रेलवे
स्टेशन जैसे भीड़भाड़ वाले स्थान पर लोगों के जमावड़े को नियंत्रित करने के लिए अधिक
संख्या में पुलिस बल की तैनाती की जाएगी।
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