चैती छट मे भगवान भास्कर को दिया गया पहला अर्ध्य
चैती छट मे भगवान भास्कर को दिया गया पहला अर्ध्य
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डूबते सूर्य को अर्ध्य देते छठ व्रती |
आमस :
आमस के चंडिस्थान छठ घाट पर छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्ध्य दिया साथ की लंबे आयु की मनोकामना की | कोरोना मंहमारी के कारण इसबर छठ घाट पर भीड़ तो नही दिखी लेकिन आस्था भरपूर दिखा |लोगों ने छठी माइया से कोरोना जल्द खतम होने की भी मनोकामना की |तो वहीं कल सुबह उगते सूर्य को अर्ध्य देखर इस पर्व की समाप्ती होगी | हिन्दू माह के हिसाब से चैत्र के नवरात्रि पर्व के दौरान छनले वाले चैती छठ का आज तीसरा दिन था | जिसमे छठ वरती डूबते हुए भगवान भास्कर को अर्ध्य दिया | बता दें की यह पर्व चार दिनों का होता है | छठ महापर्व की शुरुआत नहाय -खाय के दिन से शुरू होती है | आस्था का महान पर्व छठ साल मे दो बार मनाया जाता है यह पर्व चैत्र माह मे ओर कार्तिक माह मे मनाया जाता है बता दें की छठी माइया की पुजा बड़ी ही सावधानी पूर्वक की जाती है छठी माइया को प्रशाद के रूप मे गुड़ ओर चावल से बनी खीर , गेहूं के आटे ओर गुड़ से बना ठेकुया , पकवान , फल,फूल,ईख आदि प्रशाद के रूप मे चढ़ाई जाती है | वरती नदी तलब या सरोवर मे खड़े होकर सूर्य देव का ध्यान करते हैं जब सूर्योदय होता है तब वरती एक एक कर सभी दलों को अर्ध्य देते हैं | इस अवसर पर दूध ओर जल का भी अर्ध्य दिया जाता है इसके बाद वरती जल ग्रहण कर व्रत का समापन करते हैं |
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