जानिए आज आपके अमस में क्या क्या हुआ ,कहाँ किसानों के विवाद को थानेदार ने सुलझाया , काम की खोज में पलायन, आहर में डूबने से बच्चे की मौत, एएनएम की ड्यूटी के दौरान मौत

 


किसानों के विवाद को थानेदार ने सुलझाया

बरसाती पानी को ले बलखोरा गांव के किसानों के बीच उपजे विवाद को थानेदार अनिल कुमार सिंह ने रविवार को बैठक कराकर सुलझा दिया। पके धान की फसल में बरसाती पानी चले जाने से बलखोरा व उसके टोला क्षत्रिआहर के किसानों के बीच मारपीट की स्थिति बनी हुई थी। थानेदार ने किसानों की शिकायत मिलते ही गांव पहुंच विवादित स्थल की जांच कर दोनों पक्षों को समझा कर मामले को सुलझा दिया। इससे किसानों में खुशी है। साथ ही आगे विवाद न बढ़े दोनों के बीच एक बांड बनाया गया है। मौके पर सरपंच राजकुमार गहतौत, पूर्व मुखिया कृष्णा यादव, राजेन्द्र प्रसाद, नंदकिशोर भारती, भोला यादव, जितेन्द्र आदि किसान थे।

आमस से काम की खोज में पलायन कर रहे जॉब कार्डधारी

सरकार व मनरेगा अधिकारियों द्वारा भले ही जॉबकार्ड धारियों को पूरे दिन काम देने की बात कही जाती है। किन्तु धरातल पर वास्तविकता कुछ और है। यहां के अधिकांश जॉबकार्डधारियों को काम की तलाश में भटकना पड़ता है। कुछ को काम मिलता भी है तो उसके पारिश्रमिक पर किसी प्रतिनिधि व बिचौलिये की नजर होती है। अधिकांश मजदूरों का कार्ड कोई न कोई प्रतिनिधि व बिचौलिये के पास जब्त होता है। सासाराम की ओर धान काटने जा रहे प्रमिला, बुधन, मोहन, महेश आदि मजदूरों ने बताया कि यहां काम मिलता ही नहीं है। इसलिए धान काटने जा रहे हैं। पीओ रोहित कुमार ने बताया कि प्रखंड में करीब 54 सौ जॉब कार्डधारी हैं। इनमें करीब तीस हजार को 45 से 48 दिनों का काम मिला हुआ है। वे आहर, पईन की सफाई सहित अन्य मिट्टी कार्य में काम कर रहे हैं। सभी की मजदूरी भी मिल चुका है। फोटो : काम की खोज में प्रदेश जाते मजदूर।

आहर में डूबने से बच्चे की मौत

आमस के मोरैनियां निवासी मुनारिक यादव के 12 वर्षीय इकलौते पुत्र सौरभ कुमार की मौत रविवार को आहर में डूबने से हो गई। गांववालों ने आहर से निकालने के बाद चण्डीस्थान के एक निजी क्लीनिक में ले गये। जहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पिता मुनारिक यादव ने बताया कि सौरभ पिछले कुछ दिनों से अपने मामा के घर कोमलखाप (आमस) में रह रहा था। रविवार को कुछ बच्चों के साथ गांव से दक्षिण रामबांध आहर की ओर खेलने गया था। खेलने के क्रम में वह पिंड से खिसकर पानी भरे आहर में चला गया। साथ में रहे बच्चे भागकर उसके डूबने की जानकारी गांव वालों को दी। किन्तु तब तक देर हो चुकी थी। इधर घटना के बाद से बच्चे की मां प्रमिला देवी, नाना रामदयाल यादव, पिता व मामा योगेन्द्र यादव का रो-रोकर बुरा हाल है। थानाध्यक्ष अनिल कुमार सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए मगध मेडिकल गया भेजा गया है।

आमस में एएनएम की ड्यूटी के दौरान मौत

आमस के रामपुर स्वास्थ्य उपकेन्द्र की एएनएम उषा रानी की ड्यूटी के दौरान शनिवार को मौत हो गई। पीएचसी के चिकित्सा अधिकारी डॉ सुल्तान अंसारी ने कहा कि वह सालों से मधुमेह की मरीज थी। शनिवार को अचानक तबियत बिगड़ने पर गया जाने के लिए बस के इंतजार में रामपुर मोड़ के पास जीटी रोड पर खड़ी थी। इस बीच वह बेहोश होकर गीर गई। जिसके बाद साथ में रहे एक सहयोगी उसे मदनपुर के एक निजी क्लिनीक में ले गया। जहां डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद उन्हें जानकारी मिली। शव को उसके परिजन ले गये। वह आमस में करीब दस सालों से कार्यरत थी। चार वर्ष की और नौकरी बची थी। वह मूल रूप से गया की रहनेवाली थी। एएनएम उषा रानी की मौत से पीएचसी के चिकित्सक सहित अन्य कर्मियों में शोक की लहर है। डा. रविकांत, डा. महेश, एएनएम हेमलता, उर्मिला, कपुरवास, रूपेश कुमार, रोहित, बीसीएम, मनिष, समीउर्र रहमान, उमाशंकर प्रसाद आदि ने शोक व्यक्त किया

 

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