देश के कोने-कोने से मिले प्यार ने मुझे ताकद दी: 8 दिन बाद जेल से रिहा हुए अर्नब ने कहा
देश के कोने-कोने से मिले प्यार ने मुझे ताकद दी: 8 दिन बाद जेल से रिहा हुए अर्नब ने कहा
वहीं, जेल से रिहा होने के बाद अर्नब गोस्वामी ने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट का आभारी हूं। ये भारत के लोगों की जीत है। तलोजा जेल से रिहा होने के बाद अर्नब ने अपने समर्थकों के प्रति आभार प्रकट किया। और 'भारत माता की जय' और 'वंदे मातरम' के नारे लगाए।
अर्नब की अपील
देशवासियों, मैं 8 दिन बाद जेल से बाहर आया हूं। इन 8 दिनों में मुझे दो अलग-अलग जेलों में भेजा गया। पहले दो दिन अलीबाग में रखा, फिर मुझे तलोजा सेंट्रल जेल में भेज दिया गया। ये लोग अलग-अलग जेल में रखकर मेरे हौसले को तोड़ना चाहते थे। लेकिन दोस्तो इन्हें क्या पता अर्नब गोस्वामी टूटने वाला इंसान नहीं है। इन्होंने जितना मुझे तोड़ने की कोशिश की मैं उतना ही मजबूत होता चला गया। जेल में बिताया एक-एक दिन मेरे लिए सबसे यादगार और सबसे सार्थक दिन रहा, दोस्तों संघर्ष मेरे जीवन का हिस्सा है। सच के लिए संघर्ष करना मेरा सौभाग्य रहा है। मैंने हर सघर्ष को अवसर में बदला है। इसलिए मैं कह रहा हूं कि वो आठ दिन मेरी जिंदगी के सबसे सार्थक दिन रहे। जेल में मुझसे बीस मीटर दूर एक छोटा सा टेलीविजन था, ये टीवी मेरे अलावा 700 और कैदियों के लिए था। मैं उस टीवी को ठीक से देख भी नहीं सकता था। पर मैं देश भर की आवाज सुन रहा था। वहां, रिपब्लिक भारत पर आप लोगों को सुन रहा था। अलग अलग चैनलों पर मैं अपने देश के लोगों को सुन रहा था। सब एक ही तरह की बात कर रहे थे, ये अन्याय बंद होना चाहिए।
देश के कोने कोने से मुझे अपार समर्थन मिला। मैं सोच भी नहीं सकता था कि किस कदर दूर दराज के इलाकों से लोग मेरे लिए इंसाफ मांग रहे थे। कई लोग रोज तलोजा जेल के बाहर खड़े हो जा रहे थे। कुछ लोग मेरे लिए खाना लेकर आ रहे थे। प्रार्थना कर रहे थे। दोस्तों इस प्यार ने मुझे इतनी ताकत दी। जिसे इससे पहले मैंने कभी महसूस नहीं किया। जिन लोगों ने मुझपर फर्जी केस बनाए। उनलोगों ने सोचा था कि मुझे कुचल देंगे, मेरी हिम्मत को तोड़ देंगे। जो लोग मेरे हौसलों पर सत्ता का बुल्डोजर चलाना चाहते थे। उनसे मैं आज कह देना चाहता हूं की आपके हमले से मैं और मजबूत बनकर उभरा हूं। इस लड़ाई में सच की जीत हुई है। देश की जीत हुई है। लोकतंत्र की जीत हुई है। और मेरे खिलाफ साजिश करने वालों की हार हुई है। देश के लोकतंत्र को ताक पर रख दिया गया था। मेरी अवैध गिरफ्तारी का आदेश दिया गया था। उसे 8 दिन बाद देश की न्याय व्यवस्था ने सच का आइना दिखा दिया। अब इस सच की लड़ाई में जो हार गए हैं उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए या फिर कम से कम देश के लोगों से माफी मांग लेनी चाहिए।
आज पूरा देश सच के साथ है, अर्नब के साथ है। तो क्या अब उनलोगों के खिलाफ भी केस दर्ज किया जाएगा जो हमारे साथ खड़े हैं। क्या आप उन सभी को जेल में बंद करेंगे। मेरी जिंदगी एक खुली किताब है। मेरे लिए सच बोलना राष्ट्रसेवा है। रिपब्लिक नेटवर्क के लिए सिर्फ और सिर्फ राष्ट्र सर्वोपरि है और कुछ नहीं। इसलिए साजिश करने वाले ना तो कभी रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क को छू पाए हैं ना छू पाएंगे। रिपब्लिक मीडिया नेटवर्क इस देश के लोगों की आवाज है। साजिश रचकर मेरे घर में AK-47 लेकर लोगों को मुझे गिरफ्तार करने के लिए भेजते हैं। मेरे परिवार पर हमला करते हैं, मुझे एक जेल से दूसरे जेल शिफ्ट करते रहे। मुझे मेरे वकीलों से बात नहीं करने देते हैं। लेकिन फिर भी आप मुझे तोड़ नहीं पाए, मुझे झुका नहीं पाए। ये सोच मुझे और मजबूत बना रही है। मेरे खिलाफ साजिश रचने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी गयी, लेकिन हर बार उन्हें मुंह की खानी पड़ी।

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