आज हो सकता है बिहार चुनाव की तारीख का ऐलान... चुनाव आयोग 12:30 में करेगा प्रेस कॉन्फ्रेंस
रही है कि बिहार चुनाव-2020 की तारीखों का ऐलान आज कर दिया
जाएगा। यदि तारीखों का ऐलान होता है तो इसके साथ ही बिहार में
चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी। हर राजनीतिक दल और भावी
उम्मीदवार इसके पालन के लिए बाध्य होगा। आइए जानते हैं कि क्या
होती है आचार संहिता।
वैसे इस बार बिहार में चुनाव ऐसे वक्त में हो रहे हैं जब पूरी दुनिया
कोविड-19 महामारी से जूझ रही है। ऐसे में चुनाव आयोग ने बिहार
चुनाव के लिए अपनी गाइडलाइन भी जारी की है। इसके मुताबिक
विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन भरने के लिए कोई तामझाम नहीं
होगा। प्रत्याशी ऑनलाइन पर्चा दाखिल कर सकेंगे। घर-घर चुनाव
हो सकेंगे। रोड शो जैसे कार्यक्रमों में काफिले में 5 से अधिक गाड़ियों
का इस्तेमाल नहीं होगा।
इसके अलावा गृह मंत्रालय की तरफ से जारी कोविड-19 गाइडलाइन्स
के सख्ती से पालन का निर्देश दिया गया है। नोडल हेल्थ ऑफिसर की
रिपोर्ट के आधार पर कोताही बरतने वालों पर एक्शन हो सकता है।
मार्ग निर्देशों के अनुसार चुनाव प्रक्रिया के दौरान सैनिटाइजर, फेस
मास्क, गलब्स, थर्मल स्कैनर, और फेशियल पीपी किट्स का इस्तेमाल
किया जाएगा। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हर हाल में करना होगा।
देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए चुनाव आयोग कुछ
नियम बनाता है। इन्हीं नियमों को आचार संहिता कहते हैं। लोकसभा/
विधानसभा चुनाव के दौरान उन नियमों का पालन करना सरकार, नेता
और राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी होती है।
आचार संहिता कब से लागू होती है ?
आचार संहिता चुनाव की तारीख की घोषणा के तुरंत बाद लागू हो
जाती है। यदि आज चुनाव आयोग बिहार विधानसभा चुनाव की
तारीखों का एलान करता है तो इसके साथ ही आचार संहिता लागू हो
जाएगी।
आचार संहिता कब तक लागू रहती है?
आचार संहिता चुनाव प्रक्रिया पूरी हो जाने तक लागू रहती है। चुनाव
की तारीखों के ऐलान के साथ ही आचार संहिता लगती है और वोटों
की गिनती होने तक जारी रहती है।
आचार संहिता के नियम
सार्वजनिक धन का इस्तेमाल किसी विशेष राजनीतिक दल या नेता को
फायदा पहुंचाने वाले काम के लिए नहीं होगा।
सरकारी गाड़ी, सरकारी विमान या सरकारी बंगले का इस्तेमाल चुनाव
प्रचार के लिए नहीं किया जायेगा।
किसी भी तरह की सरकारी घोषणा, लोकार्पण और शिलान्यास आदि
नहीं होगा।
किसी भी राजनीतिक दल, प्रत्याशी, राजनेता या समर्थकों को रैली
करने से पहले पुलिस से अनुमति लेनी होगी।
किसी भी चुनावी रैली में धर्म या जाति के नाम पर वोट नहीं मांगे
आचार संहिता के उल्लंघन पर कार्रवाई
चुनाव आचार संहिता के नियम सख्ती से लागू होते हैं। अगर इन नियमों
का उल्लंघन किया जाता है तो उसके लिए सज़ा का प्रावधान भी है।
चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती
है।
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